अगर बेरोजगार हो? तो EV बैटरी इंडस्ट्री में कर लो निवेश, 2030 तक हो जाएगा करोड़ों का फायदा

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और इसके साथ ही बैटरी उद्योग यानी बिजनेस में भी बड़े अवसर खुल रहे हैं. सरकार ने 2030 तक 50 गीगावाट घंटे (GWh) बैटरी उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है. इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ईवी बैटरी उद्योग भारत में एक बड़े निवेश अवसर के रूप में उभर रहा है और सरकार इसे कैसे बढ़ावा दे रही है.

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EV Battery Industry
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सरकार का महत्वपूर्ण लक्ष्य

भारत सरकार ने 2030 तक 50 GWh बैटरी उत्पादन का लक्ष्य रखा है. यह लक्ष्य देश में EV और नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है.

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प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना

सरकार ने बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना शुरू की है. इस योजना के तहत बैटरी निर्माताओं को उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. इससे घरेलू बैटरी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी.

निवेश करने के बड़े अवसर

ईवी बैटरी उद्योग में निवेश के कई अवसर हैं:

  1. बैटरी सेल निर्माण
  2. बैटरी पैक असेंबली
  3. बैटरी रीसाइक्लिंग
  4. बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम

इन क्षेत्रों में निवेश करके कंपनियां भारत के बढ़ते EV बाजार का लाभ उठा सकती हैं.

बड़ी कंपनियों का होगा प्रवेश

कई बड़ी कंपनियां पहले से ही भारतीय ईवी बैटरी बाजार में प्रवेश कर चुकी हैं. टाटा केमिकल्स, सुजुकी और टोयोटा जैसी कंपनियां बैटरी निर्माण में बड़े निवेश कर रही हैं. यह इस क्षेत्र की संभावनाओं को दर्शाता है.

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