आप लोगों को बता दें कि बिहार में एक नया एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है जो राज्य के 8 जिलों के 305 गांवों से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाएगा और इसकी कुल लंबाई 550 किलोमीटर होगी. इसमें से 416 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में होगा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी. तो चलिए जानते हैं इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे के बारे में विस्तार से..
एक्सप्रेसवे और प्रभावित जिले
यह नया एक्सप्रेसवे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा. इसमें पश्चिम चंपारण के 15, पूर्वी चंपारण के 69, शिवहर के 7, सीतामढ़ी के 33, मधुबनी के 66, सुपौल के 43, अररिया के 47 और किशनगंज के 25 गांव शामिल हैं. यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिम चंपारण के नौतन में बिहार में प्रवेश करेगा.
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एक्सप्रेसवे की लागत और कितने समय में होगा कंप्लीट
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें से लगभग 7 हजार करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे. सरकार ने इस प्रोजेक्ट को 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
एक्सप्रेसवे के फायदे
इस एक्सप्रेसवे के बनने से कई फायदे होंगे. यात्रा का समय कम होगा और उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी. क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा. रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. गांवों का विकास होगा और जमीन की कीमतें बढ़ेंगी.