मध्य प्रदेश में इंदौर से बुधनी के बीच बनने वाली New Rail Line का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है. प्रदेश के मुख्य सचिव ने सीहोर-इंदौर समेत कुछ जिलों के कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर प्रोजेक्ट की सभी जानकारी ली. इस नई रेल लाइन से इंदौर और जबलपुर के बीच 150 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. चलिए इस प्रोजेक्ट के बारे में जानते हैं.
जमीन का सारा काम पूरा
इंदौर-बुधनी रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है. कलेक्टरों ने बताया कि जमीन के जो मुद्दे थे, उन पर कार्रवाई हो चुकी है और रेलवे को भी इसकी जानकारी भेज दी गई है. अब जैसे ही सभी प्रक्रियाएं पूरी होंगी, रेलवे इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर देगा. इसके अलावा जिसकी भी जमीन अधिग्रहण में जाएगी उसे करोड़ों का फायदा हो सकता है.
रेलवे प्रोजेक्ट से होने वाले फायदे
इस रेल लाइन के बनने से इंदौर और जबलपुर के बीच की लगभग 150 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. इससे यात्रियों का फायदा होगा, उनके किराए के पैसे और समय भी बचेगा. साथ ही, इंदौर और जबलपुर के बीच व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. बुधनी, होशंगाबाद समेत कई जिलों के लोगों को भी इस रेल लाइन से फायदा होगा.
प्रोजेक्ट में आने वाली चुनौतियां
इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ी चुनौती जमीन अधिग्रहण की थी. कुछ जिलों में किसानों ने जमीन देने से मना किया था. लेकिन अब यह समस्या लगभग हल हो चुकी है. अब रेलवे और प्रदेश सरकार दोनों इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश में हैं.
इंदौर-बुधनी रेल लाइन मध्य प्रदेश के विकास के लिए एक अहम प्रोजेक्ट है. इससे न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि क्षेत्र का आर्थिक विकास भी हो पाएगा. जमीन अधिग्रहण का काम पूरा होने के बाद अब उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा.