NSG Commando: नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) को भारत के सबसे विशिष्ट और खतरनाक कमांडो बलों में से एक माना जाता है. इन्हें आमतौर पर “ब्लैक कैट कमांडो” के नाम से जाना जाता है. NSG की स्थापना 1984 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद विरोधी गतिविधियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा करना है.
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि एनएसजी कमांडो को भारत के सबसे ज्यादा खतरनाक कमांडो क्यों कहा जाता है तो हमारे इसलिए को अंत तक पढ़िए ताकि आप जान सके की एक एनर्जी कमांडो बनने की प्रक्रिया कितनी कठिन है और इन्हें कितना वेतन दिया जाता है.
NSG का गठन और उद्देश्य
NSG का गठन सिख आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद किया गया था. इसका मुख्य कार्य आतंकवादी गतिविधियों को रोकना और वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. NSG में शामिल कमांडो विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, जिससे वे किसी भी प्रकार के खतरे का सामना कर सकें.
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NSG Commando का सिलेक्शन प्रोसेस
NSG में भर्ती सीधे नहीं होती. इसके लिए भारतीय सेना, पैरामिलिट्री बलों और राज्य पुलिस से जवानों को चुना जाता है. इन जवानों को कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करनी होती है और उनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. चयनित जवानों को 90 दिनों की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की चुनौतियाँ होती हैं.
प्रशिक्षण
NSG कमांडो का प्रशिक्षण बहुत कठिन होता है. उन्हें विभिन्न प्रकार की स्थितियों में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जैसे कि अंधेरे में निशाना लगाना, तेजी से निर्णय लेना और उच्च दबाव वाली परिस्थितियों में काम करना. इस प्रशिक्षण के दौरान, उनकी फिटनेस 30-40% से बढ़कर 90% तक हो जाती है.
सैलरी
NSG कमांडो की सैलरी भी आकर्षक होती है. ग्रुप कमांडर को हर महीने ₹1 लाख से ₹1.25 लाख, स्क्वाड्रन कमांडर को ₹90,000 से ₹1 लाख और टीम कमांडर को ₹80,000 से ₹90,000 मिलते हैं. इसके अलावा, NSG के प्रमुख की सैलरी ₹2 से ₹3 लाख तक होती है.