Prayagraj Highway: उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास को नई गति देने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की है. वाराणसी से बलिया तक एक नया हाईवे बनाया जाएगा, जो इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा. यह हाईवे गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार का हिस्सा होगा और लगभग 350 किलोमीटर लंबा होगा. आइए जानते हैं इस नए हाईवे परियोजना के बारे में विस्तार से.
Prayagraj Highway
यह नया हाईवे गंगा एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण का हिस्सा होगा. यह प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बलिया तक जाएगा. इस हाईवे का निर्माण 6 लेन में किया जाएगा, जिससे यातायात सुगम होगा.
परियोजना होगी बहुत जरूरी
इस हाईवे के बनने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों को लाभ होगा. यह न केवल यात्रा समय को कम करेगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा. उदाहरण के लिए, लखनऊ से पटना की यात्रा अब मात्र 4.5 घंटे में पूरी हो सकेगी.
किसानों को लाभ
इस हाईवे से किसानों को विशेष लाभ होगा. बलिया के किसान अपनी सब्जियां आसानी से लखनऊ, वाराणसी और पटना की मंडियों तक पहुंचा सकेंगे. इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर बाजार मिलेगा.
कनेक्टिविटी में सुधार
यह हाईवे बिहार के छपरा, पटना और बक्सर जैसे शहरों से पूर्वी उत्तर प्रदेश को बेहतर ढंग से जोड़ेगा. इससे न केवल यात्रा समय कम होगा, बल्कि दोनों राज्यों के बीच व्यापार और वाणिज्य को भी बढ़ावा मिलेगा.
परियोजना की वर्तमान स्थिति
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इस परियोजना का सर्वे पूरा कर लिया है. वाराणसी के पिंडरा और सदर तहसीलों के 75 राजस्व गांवों को इस परियोजना के लिए चिह्नित किया गया है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
समय सीमा और लागत
हालांकि परियोजना की सटीक लागत और समय सीमा का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन सरकार इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. गंगा एक्सप्रेसवे का पहला चरण दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है, और इस नए हाईवे का काम उसके बाद तेजी से शुरू होने की संभावना है.