रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के चलते भारत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. रूस ने अपने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात किया है, जबकि यूक्रेन ने अमेरिका से ATACMS मिसाइलें प्राप्त की हैं. इन दोनों तकनीकों का प्रभाव वहां की सुरक्षा पर पड़ सकता है, जिससे भारत को अपनी रणनीति पर विचार करना होगा. आइए जानते हैं इस मिसाइल के बारे में…
रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम
S-400 एक तगड़ा एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे रूस ने तगड़ा कर दिया है. यह सिस्टम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों, मिसाइलों और अन्य खतरों को एक बार में खत्म करने में क्षमता रखता है. भारत ने भी इस सिस्टम को खरीदने का ऐलान कर दिया है, जिससे उसकी सुरक्षा में काफी सुधार होगा. S-400 की तैनाती से रूस की सेना में काफी बढ़ोतरी हुई है, जो अन्य देशों के लिए चिंता का विषय बन सकती है.
यूक्रेन के ATACMS मिसाइल
यूक्रेन ने अमेरिका से ATACMS (Army Tactical Missile System) मिसाइलें मिली हैं, जो लंबी दूरी तक वार करने में सक्षम हैं. ये मिसाइलें जमीन से जमीन पर लक्ष्य साधने की क्षमता रखती हैं और दुश्मन के ठिकानों को एक बार में उड़ा सकती हैं. यूक्रेन के पास इन मिसाइलों का होना उसके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, सबसे खास बात, जब वह रूस के खिलाफ बहुत ज्यादा परेशानी झेल रहे हों.
भारत की नई चाल
भारत इन दोनों घटना स्थलों पर बारीकी से नजर रखे हुए है. S-400 और ATACMS जैसे हथियारों की तैनाती से क्षेत्र में खलबली मची हुई है. भारत को यह समझने की जरूरत है कि इन हथियारों का उपयोग कैसे किया जा रहा है और इसका प्रभाव उसकी सुरक्षा पर क्या पड़ेगा.
क्षेत्र की सुरक्षा पर पड़ेगा असर
भारत को यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच काफी दुश्मनी बढ़ चुकी है, तो इसका असर पूरे क्षेत्र पर पड़ सकता है. ऐसे में भारत को अपनी रक्षा को मजबूत करने और अपने सभी डिफेंस बलों को आधुनिक बनाने की जरूरत होगी.